अमीबा के चपेट में कोई शख्स उस दौरान आता है जब कोई गंदा या दूषित पानी नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करती है।
ऑनलाइन डेस्क :
अमेरिका में कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के बीच एक नई बीमारी ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. दिमाग को चट कर जाने वाले अमीबा (Brain Eating Amoeba) से अमेरिका में कई मौतें हुई हैं। इस अमीबा का वैज्ञानिक नाम नेग्लरिया फाउलेरी है। डॉक्टरों से लेकर वैज्ञानिकों तक सभी पता करने में जुटे हैं कि यह कहां से आया है।
फिलहाल नेग्लरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) अमीबा (Amoeba) अमेरिका के दक्षिणी राज्यों में फैल रहा है. जलवायु परिवर्तन (Climate Change) इसके संक्रमण की मुख्य वजह बताई जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, नेग्लरिया फाउलेरी नामक यह घातक अमीबा (Brain Eating Amoeba) मस्तिष्क को खा जाता है।
बता दें कि यह बीमारी घातक होती है, शोधकर्ताओं के मुताबिक अमीबा के चपेट में कोई शख्स उस दौरान आता है जब कोई गंदा या दूषित पानी नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करती है। इस दौरान सूंघने वाली तंत्रिकाओं द्वारा अमीबा को ब्रेन तक पहुंचने का रास्ता मिल जाता है। इस कारण वह इंसानों के दिमाग तक पहुंच पाती है और दिमाग को क्षतिग्रस्त भी करते हैं।
अमीबा के संक्रमण से दिमाग के ऊत्तकों को नुकसान
इससे उसे ब्रेन में सूंघनेवाली तंत्रिकाओं के जरिए घुसने का रास्ता मिल जाता है और दिमाग के ऊत्तकों को क्षतिग्रस्त कर देता है। सीडीसी का कहना है कि नेग्लरिया फाउलेरी से दूषित पानी पीकर संक्रमित नहीं हो सकता क्योंकि अमीबा 45 डिग्री सेल्सियस (113 डिग्री फॉरेनहाइट) तक गर्म पानी में पनपता है। इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ग्लोबल वार्मिंग ने जीव के भौगोलिक दिशा को प्रभावित किया हो।