दही कब बन जाता है 'जहर'

दही स्वास्थ्य पर पड़ सकता है भारी

ऑनलाइन डेस्क :

दही हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दही का नियमित उपयोग लगभग प्रत्येक घर में होता है। गर्मियों के मौसम में इसका उपयोग बढ़ जाता है।

दही हमारे खाने में स्वाद तो बढ़ाता ही है। साथ ही इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, लैक्टोज, आयरन, फास्फोरस, विटामिन B6 और विटामिन B12 इत्यादि पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं।

हालांकि दही केे सेवन में कुछ सावधानियां रखनी भी जरूरी होती हैं। कुछ परिस्थितियों में यह आपके स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचा सकता है।


जानिए दही कब नहीं खाना चाहिए

अक्सर लोगों के मन में यह दुविधा रहती है कि दही किस मौसम में खाएं, कब खाएं और किस रोग में न खाएं।

बासी या खट्टा दही नहीं खाना चाहिए।

रात के समय दही या छाछ नहीं लेने चाहिए।

मांसाहार के साथ दही नहीं खाना चाहिए।

कब्ज हो तो दही के स्थान पर छाछ का प्रयोग करना चाहिए।

सर्दी, जुकाम, खांसी, कफ हो तो दही ना खाएं।

दमा या साँस की समस्या हो तो दही सावधानी पूर्वक खाये।

त्वचा रोग की स्थिति में डॉक्टर से पूछ कर ही दही उपयोग में लें।

शरीर में कही भी सूजन हो तो दही ना खाये वर्ना सूजन बढ़ सकती है।

दही को गरम करके नहीं खाना चाहिए।

बसंत ऋतु में दही का सेवन नहीं करना चाहिए।

किस मौसम में खाएं और किस मौसम में नहीं

आम धारणा है कि बारिश के मौसम में दही को नहीं खाने की है लेकिन 16वीं शताब्दी के वनौषधि ग्रंथ भावप्रकाश में दही को बारिश और गर्मी में खाना उपयोगी बताया गया है।

सर्दी में खाने की मनाही है। दही ठंडा व भारी होता है इसलिए शीत ऋतु में खाने से मांसपेशियों व नसों में रुकावट आकर नर्व सिस्टम व चेतना कमजोर होने लगती है जिससे व्यक्ति में थकान, निद्रा और आलस जैसे लक्षण होने लगते हैं।

डिनर में न लें

आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार दोपहर में 2-3 बजे से पहले दही खाना लाभकारी माना गया है। डिनर में दही नहीं खाना चाहिए। डिनर में इसे लेने से यह फेफड़ों में संक्रमण, खांसी-जुकाम के अलावा जोड़ों की तकलीफ बढ़ाता है।

 

 

 

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