कभी नहीं आएगा दुर्भाग्य
ऑनलाइन डेस्क :
वास्तु शास्त्र का हिंदु धर्म में काफी महत्व है। वास्तु शास्त्र में भवन निमार्ण के अलावा कई ऐसी चीजों का जिक्र किया गया है, जो व्यक्ति की तरक्की के रास्ते खोलती हैं।
घोड़े की नाल का भी वास्तु शास्त्र में जिक्र है और इसे काफी महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा माना जाता है कि अगर घोड़े की नाल को घर में सही दिशा और सही जगह पर लगाया जाए तो सुख-समृद्धि आती है और माता लक्ष्मी की भी कृपा होती है।
व्यक्ति के जीवन में आपने वाली बाधाएं दूर होती हैं और तरक्की के नए रास्ते बनते हैं। वास्तु शास्त्र में घोड़े की नाल को लेकर कई उपाय बताए गए हैं। जानते हैं इनके बारे में।
वास्तु के अनुसार लगाने पर मिलते हैं शुभ परिणाम
आपने कई लोगों को अपने घरों में घोड़े की नाल लगाते हुए देखा होगा। घोड़े की नाल को बहुत ही लाभकारी और शुभ फलदायी माना जाता है। साथ ही बुरी नजर से बचने के लिए भी घोड़े की नाल का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, ऐसा माना जाता है घोड़े की नाल लगाने के शुभ परिणाम तभी मिलते है, जब इसे वास्तु नियमों के अनुसार इस्तेमाल किया जाए।
दो तरह की होती है घोड़े की नाल
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घोड़े की नाल दो तरह की होती है। एक यू पैटर्न की और एक रिवर्स सू पैटर्न की। ऐसा माना जाता है कि दोनों ही पैटर्न का इस्तेमाल घर, दुकान या ऑफिस में किया जा सकता है। अगर आप कोई बिजनेस करते हैं तो घोड़े की नाल को वास्तु के नियमानुसार दुकान या ऑफिस में लगा लें। इससे आपके बिजनेस में तरक्की होगी और अच्छे दिनों की शुरुआत होगी।
घोड़े की नाल है इतनी फायदेमंद
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर से नकारात्मकता और बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए घोड़े की नाल का प्रयोग किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसे घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं कर पाती और घर में सिर्फ पॉजिटिव एनर्जी का वास होता है। इसके साथ ही घोड़े की नाल से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसे लगाने से धन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। व्यापार में आर्थिक लाभ होता है। यह बुरी नजर से बचाने में भी मदद करती है।
कहां लगाएं घोड़े की नाल?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यू पैटर्न वाली घोड़े की नाल को और दुकान में लगाना उत्तम माना गया है। इसे घर के मुख्य द्वार पर बाहर की तरफ डोर फ्रेम ऊपर की तरफ लगाया जाता है। हालांकि ध्यान रखें कि घोड़े की नाल को उत्तर या पश्चिम दिशा में ही लगाना चाहिए। वहीं, अगर आप रिवर्स यू पैटर्न की नाल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसके ऊपर आइना भी लगाएं।